एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023
जो बीत गई सो बात गई….
जो बीत गई सो बात गई।
कर ले तू अब हर बात नई।।
मन में कुंठा कभी न रखना।
आगे तुझको अब है बढ़ना ।।
अपनों से कभी न तुम लड़ना।
छोटी बातों पर न झगड़ना।।
मिलजुल कर सदा संग रहना।
यही एकता सुंदर गहना।।
भूल कभी जो कोई करता।
दुख कितने फिर वो है सहता।।
माफ उन्हें जब हम कर पाएं।
अच्छे मानव तब कहलाएं।।
सेवा भाव सदा मन में रखना ।
जन हित के लिए कार्य करना।।
कर ले तू अब हर बात नई।
जो बीत गई सो बात गई।।
कविता झा'काव्य'अविका
#लेखनी
#आधे अधूरे मिसरे
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 08:33 PM
बेहतरीन अभिव्यक्ति और खूबसूरत भाव
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Abhinav ji
15-Aug-2023 08:55 AM
Very nice 👍
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